राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एवं मेरठ इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के संयुक्त तत्वावधान में रोहटा ब्लाक के रासना गांव और कारखोन्दा ब्लॉक के पीपलीख़ेरा गाँव में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के आयोजक डॉ स्वपन सुमन और अध्यक्षता डॉ शिखा धवन ने की। कार्यशाला में सीडीओ मेरठ द्वारा चयनित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान रासना गाँव से कृष्णा,ईशु और वैष्णवी स्वयं सहायता समूह की 35 महिलायें और लक्ष्मी महिला स्वयं सहायता समूह की 15 महिलाओं ने प्रशिक्षण लिया। कार्यशाला में सोनिका ने महिलाओं को जूट के थैले बनाने की विधि बताई। उन्होंने कहा की जूट के थैले प्लास्टिक की जगह ले रहे है। जूट की थैलियां बनाने से लेकर इस्तेमाल करने और खत्म होने तक पर्यावरण प्रदूषित नहीं होता है। मंजरी उपाध्याय ने नेतृत्व क्षमता के गुर भी सिखाए। कविता कक्कड़ ने पुराने और बेकार कपड़ों से बैग बनाने की ट्रेनिंग दी। साक्षी वर्मा ने महिलाओं को मेंस्ट्रुअल कप के बारे में जानकारी दी और मासिक धर्म के दौरान स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी दी गई। परिधि अग्रवाल ने सभी महिलाओ के साथ कोआर्डिनेशन कर इस प्रोग्राम को सफल बनाने में सहयोग दिया।प्रशिक्षण शिविर में ख़रखोन्दा ब्लॉक के बीडीओ दीपक तेवतिया, शिखा धवन, डॉ माधुरी गुप्ता, डॉ अंकुर गोयल, डॉ स्वपन सुमन, सुशील कुमार शर्मा, देवेंद्र, सोनिका, प्रतिभा आदि मौजूद रहे।
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